हमारी बात

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" घर - आंगन से जो गैर-बराबरी शुरू होती हैं, वह सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में और ज़्यादा होती जाती हैं । इसे ख़त्म या काम करने का काम औरतों को ही करना होगा । जब तक औरते अबला बनी पुरुष के सहारे की तलाश में रहेगी , यह गैर - बराबरी ख़त्म नहीं होगी । सबला का मतलब सिर्फ शारीरिक बल से नहीं हैं । ज्ञान का बल और पढ़ाई- लिखाई का बल भी कमज़ोर इंसान को सबल बनाता हैं । " आगे पढ़िए...
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