कचरे के काम में शामिल महिलाओं की आजीविका व स्वास्थ्य

संवाद
by शशि भूषण पंडित / Ref शशि भूषण पंडित
दिल्ली में कचरा प्रबंधन की औपचारिक व्यवस्था के साथ-साथ घूम घूम कर कूड़ा बीनने वाले रद्दी वालों जैसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, ख़ास तौर पर महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व आजीविका से जुड़े मुद्दों पर आधारित है प्रस्तुत लेख। साथ ही, यदि इन कामगारों को कचरा व्यवस्थापन का हिस्सा बना लिया जाय तो कैसे महानगर में रोज़ पैदा होने वाले कचरे का 80 प्रतिशत हिस्सा का स्थानीय स्तर पर निपटारा हो जायेगा, इस बात पर भी रोशनी डाली गई है।
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