सींखचों में कैद लेखनी

संवाद
by अमीना हुसैन / Ref अमीना हुसैन
इस लेख में श्रीलंकाई डायस्पोरा की लेखिका अमीना हुसैन अपने अनुभवों को बांटते हुए कहती हैं "…जब मैं मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दे अपनी कहानियों में उठाती हूँ तो एक बोझ मुझे चारों ओर से घेरे रहता है…मैं अपनी लेखनी पर फतवा जारी किए जाने या मृत्यु करार दिए जाने से बहुत डरती हूँ…"। आगे पढ़िए...
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Jagori
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