हमारी बात

by ज्ञानेंद्र जैन / Ref ज्ञानेंद्र जैन
" कानून ने औरतो को हक़ तो दे दिया, लेखिन उसका लाभ उठाने की ज़िमेदारी औरतो पर छोड़ दी हैं । संभव हैं ताने कैसे जाए कि चूल्हे - चक्की वाली औरते व्यवसथा या सरकारी दफ्तरों से व्यवहार क्या जाने ? यह बात सही नहीं हैं । ... ज़माना तेज़ी से बदल रहा हैं । बीते कल या आज की अबला आने वाले कल की सबला बन नई जिमेदारियों के लिए तयार हो जाए । " आगे पढ़िए ...
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