Article

गलत परंपराएं: दुखी कमला

by शीला बत्तरा
"कुम्हार परिवारों में यह परंपरा हैं कि लड़कियां व औरते मिटटी लाने से मिटटी गूंधने तक के सब काम करती हैं, लेखिन कुम्हार के चाक पर नहीं बैठतीं । उन्हें बैठने ही नहीं दिया जाता । जैसे, किसान औरत खेती के हलके - भारी ढेरों काम करती हैं, लेखिन उसे हल चलाने की मनाही हैं । मज़दूर औरतो सिरो पर ईटे ढोएगी, ऊंची- ऊंची सीढ़िया चढ़ दुंमजले- तिमंजले ईंटो का बोझ ले जाएंगी, लेकिन पलस्तर का काम औरते नहीं करती । जिन कामों के दाम ज़्यादा हैं वे औरत के दायरे से बाहर रखे गए हैं । सामाजिक रीति - रिवाज़ो , धार्मिक नियमों या अंधविश्वासों ने औरतो का दर्जा नीचा ही रखा हैं । " आगे पढ़िए...

Pages