कश्मीरी कवयित्री- ललद्यद

by वीणा शिवपुरी / Ref वीणा शिवपुरी
प्रस्तुत लेख में चौदहवीं शताब्दी में कश्मीर में जन्मी पहली शैव योगिनी कवयित्री ललद्यद के जीवन व रचनाओं का वर्णन है। उनकी रचनाओं में मीरा सी दीवानगी है जहाँ वे अपने शंकर के लिए भटकती मालूम होती हैं। दूसरी ओर कबीर की तरह कर्मकांड, व्रत उपवास को नकारती भी हैं। ललद्यद सांप्रदायिक भेद में विश्वास नहीं करती थीं और हिन्दू-मुस्लमान सभी उन्हें अपना मानते थे।
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Jagori
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