एक 'स्थगित' ख्वाब का आखिर होता क्या है?

संवाद
by अरविंद नारायण / Ref अरविंद नारायण
दिसंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 377 (जो समलैंगिक संबंधों को अपराध करार देती है) की वैधता को बरक़रार रखने का फैसला कैसे समानता के अधिकार, गरिमा व गोपनीयता के अधिकार और भेदभाव मुक्त होने के अधिकार का सरासर उल्लंघन करता है इसका स्पष्टीकरण करता है यह संवाद।
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Jagori
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