जनसंख्या नियंत्रण: कितनी आवश्यकता, कितनी राजनीति

चौपाल
by संगीता मौर्य व ईशा सारस्वत / Ref संगीता मौर्य व ईशा सारस्वत
भारत ने 'जनसँख्या और विकास के अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन' 1994 में ये वादा किया था कि जनसँख्या नियंत्रण दृष्टिकोण के बजाय गर्भ निरोधन में पुरुषों की ज़िम्मेदारियों पर और किशोरों की ख़ास ज़रूरतों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। राष्ट्रीय जनसँख्या नीति 2000 के माध्यम से भी सरकार ने एक भयमुक्त, लक्ष्यमुक्त प्रक्रिया को अपनाने की बात की थी। परन्तु इतने सालों बाद, आज भी सरकार के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया जिसका प्रमाण है अखबारों में लगातार जगह बनाने वाली असुरक्षित महिला नसबंदी की घटनाएं।
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Jagori
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