समय है स्त्रीद्वेषी सोच से जूझने का

आमने-सामने
by कल्पना शर्मा / Ref कल्पना शर्मा
इस लेख में महिला-पुरुष समानता के सन्दर्भ में स्थाई बदलाव की ज़रुरत पर ज़ोर दिया गया है जिसके लिए बदलाव चाहने वालों को भारतीय समाज में गहरे पैठे लैंगिक भेदभाव और स्त्रीद्वेषी सोच, जिनकी अभिव्यक्ति का एक रूप सामूहिक बलात्कार है, से लड़ना होगा।
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Jagori
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