महिलाओं के उत्तराधिकार का हक़

by मधु किशवर व रुथ वनिता / Ref मधु किशवर व रुथ वनिता
"हिन्दू उत्तराधिकार कानून 1956" के पास होने के बाद महिलाओं को माता-पिता की जायदाद में आसमान अधिकार मिले पर वे भी सिर्फ काग़ज़ तक सीमित रहे। आज भी देश की अधिकांश महिलाओं को पैतृक संपत्ति से वंचित रखा जा रहा है। इस लेख में कुछ ऐसी बातों पर रोशनी डाली गई है जिनके कारण औरतें उत्तराधिकार हकों को पाने से महरूम रही हैं।
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Jagori
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