घरेलू कामगार

फिल्म समीक्षा
by जुही जैन / Ref जुही जैन
इस लेख में तीन फिल्मों की समीक्षा पेश की गई है। तीनों ही फिल्में घरेलू कामगारों पर आधारित है। पहली फिल्म- 'मोलकरणी' महाराष्ट्र में घरेलू कामगारों के अधिकारों व काम के सम्मान के संघर्ष और आंदोलन को बयान करती है। दूसरी फिल्म- 'बेबी हालदार' एक महिला घरेलू कामगार की जीवन सफ़र की कहानी कहती है जो अपनी आत्मकथा लिख उन तमाम औरतों की आवाज़ बनती है जो हमारे समाज में गरीबी व अशिक्षा के वजह से गरिमापूर्ण जीवन जीने के हक़ से वंचित हैं। तीसरी वृत्तचित्र- 'लक्ष्मी एंड मी' फिल्मकार व उनकी घरेलू कामगार लक्ष्मी के आपस के सहजपूर्ण रिश्ते को दर्शाती है।
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Jagori
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