खाप पंचायत, लिंग अनुपात व स्त्री शक्ति

by रविंदर कौर / Ref रविंदर कौर
प्रस्तुत लेख में खाप पंचायतों के पुनरुत्थान के पीछे कारणों का विश्लेषण किया गया है। इसमें खाप पंचायतें जिन विवाहों व संबंधों का विरोध कर रही है उनकी व्याख्या की गई है जिससे ज़ाहिर होता है कि आम धारणा के विपरीत ये हमेशा स्व-चयनित शादियों के ही खिलाफ नहीं हैं बल्कि कई अन्य तरह के विवाहों पर इनकी आपत्ति है। यह लेख हरियाणवी समाज में व्याप्त लैंगिक असंतुलन को भी प्रकाशित करता है। साथ ही इस पुरुष प्रधान समाज में केवल औरतों द्वारा सार्वजनिक रूप से खाप पंचायतों व उनकी हुकूमत को चुनौती देने की सच्चाई को भी सामने लाता है।
Editor Translator Photographer Publisher
Jagori
Page count Languages Volume Compiler
5