अन्त में

by कल्याणी मेनन-सेन / Ref कल्याणी मेनन-सेन
हम सबला के जुलाई-सितम्बर 2010 के अंक की अतिथि संपादक कल्याणी मेनन-सेन लिखती हैं कि प्रस्तुत अंक के ज़रिये 'परंपरा' और 'संस्कृति' के आड़ में की जाने वाली 'सम्मान जनित हत्याओं' के प्रत्युत्तर में समानता, न्याय व अहिंसा पर आधारित एक प्रबल व विश्वसनीय प्रतिकारक-विमर्श तैयार करने का प्रयास किया गया है।
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Jagori
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