जानकी

कहानी
by विजयलक्ष्मी चौहान / Ref विजयलक्ष्मी चौहान
आज की जानकी, रामायण की जानकी, युगों-युगों की जानकी, वैदेही, सीता- क्या कुछ भी बदला नहीं है? क्या नज़रें बदली हैं? क्या जानकी के आत्मबल को, सीता की स्वयंभू शक्ति को भी देखने की ज़रुरत है? पढ़िए विजयलक्ष्मी चौहान की लिखी कहानी 'जानकी'...
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Jagori
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