मेरा घर कहाँ?

कहानी
by नासिरा शर्मा / Ref नासिरा शर्मा
पढ़िए सोना की कहानी जिसकी शुरूआती ज़िन्दगी दरबदरों की ठोकरें खाते हुए बीती। पर अंत में उसने इस बात से समझौता कर लिया कि "न कोई मेरा ठौर-ठिकाना, न मैं किसी घर की मालकिन। दुनिया की आबादी हूँ और हालात की शहज़ादी हूँ।"
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Jagori
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