धर्म और धर्मसंकट: भारतीय देवियां

by अनामिका / Ref अनामिका
यह लेख भारतीय देवियों जैसे सीता व सावित्री के उदाहरण देते हुए स्पष्ट करता है कि देवी-देवियां ईर्ष्या, प्रतिरोध भावना, कामुकता आदि से परे नहीं थीं, उनके स्वतंत्र व्यक्तित्व थे और समय आने पर उन्होंने निर्भीक निर्णय का तेज़ भी दिखाया। परन्तु इसके प्रतिकूलता से देवत्व जब स्त्री पर घटित दिखाया जाता है, तो उससे केवल करुणा, क्षमा, सहनशीलता और विनम्रता की मूर्ती बने रहने की उम्मीद की जाती है। यह हमारे समाज की विडंबना है।
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Jagori
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