'तेहरा-तलाक': क्या इस्लाम में इसकी इजाज़त है?

संवाद
by सईदा सैयदीन हमीद / Ref सईदा सैयदीन हमीद
प्रस्तुत लेख इस्लाम के 'तेहरा मौखिक तलाक' से जुड़े सच्चाई को उजागर करता है। यह इस बात को साफ़ करता है कि 'तेहरा मौखिक तलाक' किसी भी सूरत में इस्लाम के फलसफे के खिलाफ है और ऐसा करना क़ुरान में दर्ज बातों का गैर ज़िम्मेदाराना इस्तेमाल मात्र है। वास्तव में इस सुलूक को तलाक-ए-बिदत यानी गलत तरह का तलाक कहा गया है।
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