रीति-रिवाज़ों के नाम पर

by सुनीता ठाकुर / Ref सुनीता ठाकुर
पितृसत्तात्मक समाज में औरत पर नियंत्रण के अलग-अलग रूप हैं- कभी धर्म के नाम पर, कभी रीति-रिवाज़ों के नाम पर, कभी सामजिक मर्यादा के नाम पर- रूप अनेक पर लक्ष्य सबका एक कि कैसे औरत को दबाकर रखा जाए। प्रस्तुत लेख औरत पर नियंत्रण के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालता है जैसे यौनिक शक्ति पर नियंत्रण, प्रजनन शक्ति पर नियंत्रण, श्रम पर नियंत्रण, चलने-फिरने की आज़ादी पर रोक।
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Jagori
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