औरत की छवि: भाषा, संस्कृति और व्यवहार

by जुही जैन / Ref जुही जैन
यह लेख सदियों पुरानी रामायण-महाभारत व मनुस्मृति की कथाओं, जगह-जगह प्रचलित कहावतों और भाषा के उदाहरण पेश करते हुए दर्शाता है की हमेशा से ही समाज की नज़र में औरत का मान्य रूप अत्यंत अन्यायपूर्ण रहा है। प्रस्तुत लेख में इस पितृसत्तात्मक समाज द्वारा अपने राज को कायम रखने के लिए भाषा, संस्कृति व रिवाज़ों के दायरे में गढ़ी गई 'अच्छी औरत' की छवि की आलोचना की गई है।
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Jagori
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