भोजन के रिवाज़: विश्वास और औरतें

by बलि बेन सारथी आरोग्य सखी / Ref बलि बेन सारथी आरोग्य सखी
"पितृसत्तात्मक समाज के पितृसत्तात्मक रवैये औरतों के जीवन ही नहीं उनके खान-पान तक पर पाबन्दी लगते हैं। इन नियमों में हम स्वयं इस तरह फांसी रहती हैं कि अपने खान-पान को त्याग, व्रत, उपवास के नाम पर भुला बैठती हैं। क्या यह ठीक है?" आगे पढ़िए...
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Jagori
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