क्या औरत ही औरत की दुश्मन है?

by कमला भसीन / Ref कमला भसीन
"हमारे समाज में पुरुष सूर्य के समान हैं और स्त्रियां उपग्रहों के सामान। सूर्या की अपनी चमक होती है, लेकिन उपग्रह अपनी चमक सूर्य से पाते हैं। ठीक इसी प्रकार सास-बहु, ननद सभी 'पुरुष' के चमक, पद, इज़्ज़त पाने की कोशिश कर रहे हैं।" आगे पढ़िए...
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Jagori
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