महिला सशक्तिकरण: सफर भी और मंज़िल भी

by विशेष संवाददाता / Ref विशेष संवाददाता
"...अनेक संस्थाएं शहरों, गाँवों और पिछड़े आदिवासी इलाकों में औरतों के साथ काम कर रही हैं। उनके काम के दायरे काफी अलग-अलग भी हैं। कुछ का ज़ोर औरतों की आमदनी बढ़ाने वाले कामों पर हैं तो कुछ औरतों को शिक्षित करने में लगी हैं। कुछ औरतों में जागरूकता लाने के काम से जुडी हैं तो कुछ उन्हें संगठित करने में।..." इन सभी रास्तों को अपनाने के पीछे मकसद एक ही है- महिला सशक्तिकरण। आगे पढ़िए...
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