आखिर कब तक !

by सुहास कुमार / Ref सुहास कुमार
"गांधीजी ने यंग डांडिया पत्रिका (अक्टूबर १९२९) में कहा था - हिन्दू संस्कृति ने पतनी को पति के बहुत आधीन रहने और पति में पूर्ण रूप से खो जाने पर ज़ोर देखर बहुत गलती की हैं । फलस्वरूप पति कभी-कभी अपने अधिकार का अर्जन और प्रयोग सीमा से बाहर करता हैं । उसका व्यवहार करता के निम्नतम स्तर तक गिर जाता हैं । इसी तरह की ज़्यादतियों का इलाज़, कानून के जरिये नहीं, स्त्रियों की सही शिक्षा से होगा । ऐसे पतियों के अमानवीय व्यवहार के विरोध में जनमत तैयार करना होगा ।" आगे पढ़िए...
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