सुर अनेक पर राग एक

अनेकतावाद पे कुछ विचार
by कमला भसीन
इस पुस्तक में अनेकतावाद के विषय में अत्यन्त सरल अपितु विस्तृत तरीके से आलोचना की गई है। यह किताब दर्शाता है की हमारी दुनिया बहुरंगी, बहुरूपी है- सब तरफ अनेकता विराजमान है तथा मेल से इस अनेकता में एकता उत्पन्न होती है। अनेकतावाद विविधता का रक्षक है। अनेकता में नयापन है, रस है। एक दुसरे से सीखने- सिखाने को है, लेने-देने को है। अनेकता में जीवन है।
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Tara Goswami Sangat
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