त्यौहार गुड़ियों का

by सुमन सिंह / Ref सुमन सिंह
" औरतों के निचले दर्जे की छाप हमारे रीति - रिवार्ज़ो और कई त्योहारों में साफ दिखाई देती हैं । ऐसा ही हैं एक त्यौहार गुड़ियों का । आज जब हम औरत को पुरष के बराबर का दर्ज दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं तो क्या ऐसे त्यौहार और रीति - रिवार्ज आँखें मूँद कर मनाने चाहिए ? इन पर और सभी संबंधित मुर्दो पर खुल कर चर्चा करने की ज़रुरत हैं ।" आगे पढ़िए...
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