एक नई शुरुआत

by वीणा शिवपुरी / Ref वीणा शिवपुरी
"हर औरतों के मन में एक ही बात थी - बस अब न सहेंगी । हम क्या इंसान नहीं हैं । ऐसा अनादर, ऐसा अत्याचार अब बदॉशत नहीं करेंगी । सबने मिलकर वही बेटाक की और फैसला ले लिया । .... चूकि औरतें एक थी , आपस में जुड़ी थी , उन्में ताकत थी ... ।" आगे पढ़िए...
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