समता - महिला कला जत्था

by सुहास कुमार / Ref सुहास कुमार
"क्यों अकेले स्त्री ही पहने , शादी की परछाया क्या बुरा, पुरष पहने गहने और चुडिया शादी-शुदा आदमी क्यों न जानना चाहिए जितना पुरुष मुक्त्त हैं उतनी स्त्री भी चहिये " आगे पढ़िए...
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