जीवन के बदलते दिन

by आरती श्रीवास्तव / Ref आरती श्रीवास्तव
" मेरे हाथो की चूड़िया कनक गई, मैंने हैण्डपम्प बनाना सीख लिया मेरे सिर का घूंघट खुल भी गया , मैंने इण्डिया मार्क थी लगाना सीख लिया चाहे धोती फटी - चाहे चूड़ी टूटी, मैंने टूलस पकड़ना सीख लिया अरे हाथों में छाले पड़ भी गए, मैंने प्लेटफॉर्म बनाना सीख लिया " आगे पढ़िए...
Editor Translator Photographer Publisher
Sevagarm Viikas Sansthan
Page count Languages Volume Compiler
1