झुग्गी बस्ती में सशर्त की गूंज नवसा बहनों के सुखद अनुभव

by सुहास कुमार सबला दिसम्बर / Ref सुहास कुमार सबला दिसम्बर
" पढ़ना- लिखना आने पर ही हम अपनी बात ठीक से कह सकते हैं और तभी लोग सुनते भी हैं । गलत चीज़ के लिए लड़ भी सकते हैं । घर में व बाहर पहले से ज़्यादा मान व इज़्ज़त मिलती हैं । ... पढ़ने-लिखने का सबसे ज़्यादा फायदा या हुआ कि मेरे सात के लोग , घरवाले और पड़ोसी अब मुझे कुछ समझने लगे हैं । लोग मेरी बात घ्यान से सुनते हैं । खुद मुझे लगता हैं कि मेरी समझदारी बढ़ गई हैं ।... " आगे पढ़िए...
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