एक और ज़िम्मेदारी

by कर्नाटक की सुश्री पद्मा के अनुभव / Ref कर्नाटक की सुश्री पद्मा के अनुभव
"जब मैंने राजनीति में पहला कदम रखा था, तब के हालात आज से बहुत अलग थे । समाज बहुत रूढ़िवादी था । ... आज यह नज़रिया बदल गया हैं । आजकल औरते हर क्षेत्र में पुरषो के साथ मिलकर काम करती हैं ... और मेरी उम्मीद है कि धीरे - धीरे औरतो की संख्या में बढ़ोतरी होगी । " आगे पढ़िए
Editor Translator Photographer Publisher
Sevagarm Viikas Sansthan
Page count Languages Volume Compiler
2