एक दुखद विचारणीय मुद्दा ससुराल में बहू घुट-घुट कर क्यों जिए ?

by आदर्श सबलोक / Ref आदर्श सबलोक
" क्या यह समाज द्वारा बनाई गई उन मान्यताओं के कारण ही नहीं हैं , जहां बेटियां यह सुन- सुन कर बड़ी होती हैं कि पति के घर से पत्नी की अर्थी ही निकलनी चाहिए ? दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह हुआ कि शादी एक ऐसा बंदन हैं जिसमे एक बार बंध जाने पर ही उससे छुटकारा मिल सकता हैं । .... ऐसी मर्यादाए सिर्फ औरत के लिए ही क्यों? क्या एक संतुलित व सुखी परिवार बनाने के लिए पुरुष के लिए भी कुछ मर्यादाओ का होना जरूररी नहीं? " आगे पढ़िए ...
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