किताबो का बक्सा

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"सविता सब कुछ सुन रही थी । उसकी आँखों में दुःख के आंसू छलक आए । मन में तो आया कि इन औरतो को कोई कारण जवाब दे । लेखिन चुप रही । वह नए जीवन की शुरुआत झगड़े से नहीं करना चाहती थी । " आगे पढ़िए...
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Sevagarm Viikas Sansthan
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