झुग्गी बहनो मेँ साक्षरता की गूंज नवसाक्षर के सुखद अनुभव

by सुहास कुमार / Ref सुहास कुमार
" रशनवाला अब पूरे पैसे ठीक से वापस करता हैं । पहले खुदरा रख ही लेता था । अब मेँ अंगूठे की जगह अपने साइन जो बनाती हूं । ... अनपढ़ होने की वजह से पति की बीमारी मेँ बहुत दुःख झेलना पड़ा । आज बहुत सी मुश्किलें उतनी बड़ी नहीं लगती । " आगे पढ़िए
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Sevagarm Viikas Sansthan
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