हमारी बात

by वीणा / Ref वीणा
"हम इस बात को समझें कि एक व्ययस्था के तहत औरतें असमानता की शिकार हैं । अगर हम एक दूसरे के मदद के लिए हाथ थाम ले तो क्या नहीं हो सकता हैं।... दफ्तर में यौन शोषण ने निपटा जा सकता हैं । सोचिए । कितनी सभावनाएं हैं । क्यों न इन सभावनाओं को वास्तविकता में बदलने का सकल्प ले । " आगे पढ़िए...
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