हमारी बात

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"सदियों से औरत के ठेस पहुंचाने के लिए पुरुष अपनी शारीरिक ताकत का इस्तेमाल करता आया हैं । ... सजा दिलानी हैं मुजरीम को औरत को जीने के हक़ से महरूम नहीं होने देना हैं । फिर कटघरे में पति हो, चाचा हो, बाई हो या कोई अजनबी । क्योंकि नारी शरीर पर केवल औरत का अपना हक़ हैं । मानवता पर होने वाला यह कलंप बरसो सहा हैं, पर अब नहीं सहेंगे ।" आगे पढ़िए…
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Sevagarm Viikas Sansthan
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