हमारी बात

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" बहने चाहे तो सामाजिक रूढ़ियों को बदल सकती हैं । बुनियादी बात हैं कि लड़की को जन्म से सम्मान मिले । लड़कियों की उपेक्षा न हो, उन्हें लड़को के बराबर समझा जाए । उन्हें आगे बढ़ने के बराबर अवसर मिले, उनकी सामान देखभाल हो । माए यह न सोचे कि लड़की पराये घर का पौधा घर का पौधा हैं, उसे क्यों सोचे ? कमज़ोर पौधा मजभूत पेड़ नहीं बन सकता । यदि वह प्यार से सोचा जाए और उसे उचित पोषण मिले तब देखिए उसका मज़बूती । " आगे पढ़िए...
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